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Barish Shayari in Hindi
पूछते थे ना कितना प्यार है तुम्हे हम से,
लो अब गिन लो… बारिश की ये बूँदें।
ख़ुद को इतना भी न बचाया कर,
बारिशें हुआ करे तो भीग जाया कर।
कितनी जल्दी ज़िन्दगी गुज़र जाती है,
प्यास भुझ्ती नहीं बरसात चली जाती है,
तेरी याद कुछ इस तरह आती है,
नींद आती नहीं मगर रात गुज़र जाती है।
ऐ बारिश जरा थम के बरस,
जब वो आ जाये तो जम के बरस,
पहले न बरस के वो आ न सके,
फिर इतना बरस के वो जा न सके।
खुश नसीब होते हैं बादल,
जो दूर रहकर भी ज़मीन पर बरसते हैं,
और एक बदनसीब हम हैं,
जो एक ही दुनिया में रहकर भी.. मिलने को तरसते हैं.
उनकी यादों की बूँदें बरसी जो फिर से,
जिन्दगी की मिट्टी महकने लगी है।
ए बारिश ज़रा थम के बरस
जब मेरा यार आ जाये तो जम के बरस
पहले न बरस की वो आ ना सके
फिर इतना बरस की वो जा ना सके
हम भीगते हैं जिस तरह से तेरी यादों में डूबकर,
इस बारिश में कहाँ वो कशिश तेरे ख्यालों जैसी।
जब भी होगी पहली बारिश, तुमको सामने पायेंगे,
वो बूंदों से भरा चेहरा तुम्हारा हम देख तो पायेंगे।
काश कोई इस तरह भी वाकिफ हो
मेरी जिंदगी से,
कि मैं बारिश में भी रोऊँ और
वो मेरे आँसू पढ़ ले।
Rain Shayari Hindi
ये ही एक फर्क है तेरे और मेरे शहर की बारिश में
तेरे यहाँ ‘जाम’ लगता है, मेरे यहाँ ‘जाम’ लगते हैं।
गर मेरी चाहतों के मुताबिक,
जमाने की हर बात होती,
तो बस में होता तुम होती,
और सारी रात बरसात होती।
इन बारिशों से दोस्ती अच्छी नहीं फ़राज़,
कच्चा माकन है तेरा कुछ तो ख्याल कर।
बारिशों से अदब-ए-मोहब्बत सीखो फ़राज़,
अगर ये रूठ भी जाएँ, तो बरसती बहुत हैं।
क्या मस्त मौसम आया है,
हर तरफ पानी ही पानी लाया है,
तुम घर से बाहर मत निकलना,
वरना लोग कहेंगे बरसात हुई नहीं,
और मेढक निकल आया है।
हैरत से ताकता है सहरा बारिश के नज़राने को,
कितनी दूर से आई है ये रेत से हाथ मिलाने को।
मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल,
वरना शौक तो आज भी है बारिशो में भीगने का।
बारिशें कुछ इस तरह से होती रहीं मुझ पे,
ख्वाहिशें सूखती रहीं और पलकें रोतीं रहीं।
कहीं फिसल न जाओ जरा संभल के चलना,
मौसम बारिस का भी है और मोहब्बत का भी।
पीने से कर चुका था मैं तौबा दोस्तों,
बादलों का रंग देख नियत बदल गई।
Barish Shayari 2 Line
मौसम-ए-इश्क़ है तू एक कहानी बन के आ,
मेरे रूह को भिगो दें जो तू वो पानी बन के आ!
पूछते थे ना कितना प्यार है तुम्हे हमसे,
लो अब गिन लो… बारिश की ये बूँदें।
आज फिर मौसम नम हुआ मेरी आँखों की तरह,
शायद बादलो का भी दिल किसी ने तोड़ा होगा।
तुम्हें बारिश पसंद है मुझे बारिश में तुम,
तुम्हें हँसना पसंद है मुझे हस्ती हुए तुम,
तुम्हें बोलना पसंद है मुझे बोलते हुए तुम,
तुम्हें सब कुछ पसंद है और मुझे बस तुम।
बारिश में आज भीग जाने दो,
बूंदों को आज बरस जाने दो,
न रोको यूँ खुद को आज,
भीग जाने दो इस दिल को आज।
काश के बरस जाये यहाँ भी कुछ नूर की बारिशें,
के ईमान के शीशों पे बड़ी गर्द जमी है,
उस तस्वीर को भी कर दे ताज़ा,
जिनकी याद हमारे दिल में धुंधली हुई है।
मैं तेरे हिज्र की बरसात में कब तक भीगूँ,
ऐसे मौसम में तो दीवारे भी गिर जाती हैं।
वो मेरे रु-बा-रु आया भी तो बरसात के मौसम में,
मेरे आँसू बह रहे थे और वो बरसात समझ बैठा।
रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे,
बरसात में काग़ज़ की तरह भीग गया हूँ मैं।
खुद भी रोता है मुझे भी रुला देता है,
ये बारिश का मौसम उसकी याद दिला देता है।
Barish Romantic Shayari
कोई तो बारिश ऐसी हो जो तेरे साथ बरसे मोसिन,
तन्हा तो मेरी ऑंखें हर रोज़ बरसाती हैं।
कहीं फिसल न जाओ जरा संभल के चलना,
मौसम बारिस का भी है और मोहब्बत का भी।
एक तो ये रात, उफ़ ये बरसात,
इक तो साथ नही तेरा, उफ़ ये दर्द बेहिसाब
कितनी अजीब सी है बात,
मेरे ही बस में नही मेरे ये हालात।
इस दफा तो बरिसें रूकती ही नहीं फ़राज़,
हमने क्या आँसू पिए के सारे मौसम रो पड़े।
बारिश और मोहब्बत दोनो ही यादगार होते हैं,
बारिश में जिस्म भीगता है और मोहब्बत में आँखें।
ए बादल इतना बरस की नफ़रतें धुल जायें,
इंसानियत तरस गयी है प्यार पाने के लिये..!!
अब भी बरसात की रातों में बदन टूटता है,
जाग उठती हैं अजब ख़्वाहिशें अंगड़ाईयों की।
बरस जाये यहाँ भी कुछ नूर की बारिशें,
के ईमान के शीशों पे बड़ी गर्द जमी है,
उस तस्वीर को भी कर दे ताज़ा,
जिनकी याद हमारे दिल में धुंधली सी पड़ी है।
सुना है बहुत बारिश है तुम्हारे शहर में,
ज्यादा भीगना मत..
अगर धूल गई सारी ग़लतफहमियां,
तो फिर बहुत याद आएंगे हम!!
मेरे ख्यालों में वही सपनो में वही,
लेकिन उनकी यादों में हम थे ही नहीं,
हम जागते रहे दुनियां सोती रही,
एक बारिश ही थी जो हमारे साथ रोती रही।
इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश है,
न चाहते हुए भी कोई शिद्दत से याद आता है!
बारिश में चलने से एक बात याद आती है,
फिसलने के डर से वो मेरा हाथ थाम लेता था।
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