दिल ये मेरा तुमसे प्यार करना चाहता है,
अपनी मोहब्बत का इज़हार करना चाहता है,
देखा है जब से तुम्हे ऐ मेरे सनम,
सिर्फ तुम्हारा ही दीदार करने को दिल चाहता है
Mirza Ghalib Hindi Shayari
इश्क़ ने ग़ालिब निकम्मा कर दिया।
वर्ना हम भी आदमी थे काम के।।
उन के देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक़।
वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है।।
ना में तुम्हे खोना चाहता हु, न तुम्हारी याद में रोना चाहता हु
जब तक जिंदगी है, में तुम्हारे साथ रहूँगा,
बस यही बात तुम्हे कहना चाहता हु,
में तुमसे प्यार करता हु
ऐसा क्या बोलू की तेरे दिल को छू जाए,
ऐसी किससे दुआ मांगू कि तू मेरी हो जाए,
तुझे पाना नहीं तेरा हो जाना है मन्नत मेरी,
ऐसा क्या करदु की ये मन्नत पूरी हो जाय
काबा किस मुँह से जाओगे ‘ग़ालिब’।
शर्म तुम को मगर नहीं आती।।
दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है।
आख़िर इस दर्द की दवा क्या है।।
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Pretty nice words:)