Hindi Ruswayi Shayari Collection
तेरी चाहत में रुसवा यूँ सरे बाज़ार हो गये,
हमने ही दिल खोया और हम ही गुनहगार हो गये।
जमाने भर की रुसवाईयाँ और बेचैन रातें,
ऐ दिल कुछ तो बता ये माजरा क्या है।
वही रखेगा मेरे घर को बलाओं से महफूज,
जो शजर से घोसला गिरने नहीं देता।
हवा खिलाफ थी लेकिन चिराग भी खूब जला,
खुदा भी अपने होने का क्या क्या सबूत देता है।
अब मायूस क्यूँ हो उस की बेवफाई पे फ़राज़,
तुम खुद ही तो कहते थे कि वो सबसे जुदा है।
इन बारिशों से दोस्ती अच्छी नहीं फराज,
कच्चा तेरा मकाँ है कुछ तो ख्याल कर।
Pretty nice words:)